मुस्कान
मुस्कान की कोई कीमत नहीं होती ,लेकिन यह बहुत कुछ बताती है
यह पाने वाले को मालामाल करती है ,देने वाले का कुछ घटता नहीं
यह क्षणिक होती है लेकिन यह यादों मे सदा के लिए रह सकती है
कोई इतना अमीर नहीं कि इसके बगैर काम चला ले ,
और कोई इतना गरीब नहीं कि इसके फ़ायदे को न पा सके
यह घर मे खुशहाली लाती है ,व्यापार मे ख्याति बढ़ाती है ,
और यह दोस्तो की पहचान है |
यह थके हुओ के लिए आराम है ,निराश लोगो के लिए रोशनी
निराश के लिए सुनहरी धूप ,और हर मुश्किल के लिए
कुदरत की सबसे अच्छी दवा|
तब भी न तो यह मांगने से , न खरीदने से ,
नाही उधार मांगने से , और नाही चुराने से मिलती है ,
क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जो तब तक किसी काम की नहीं ,
जब तक आप इसे किसी को दे न दें |
दिनभर की भागदौड़ में कुछ परिचित हो सकते हैं
कि इतने थके हारे हो कि मुस्करा न सकें |
तो उन्हें अपनी ही मुस्कान दीजिए |
किसी को मुस्कान की उतनी आवश्यकता नहीं होती , जितनी कि उसे ,
जो खुद किसी को अपनी मुस्कुराहट न दे सके |
सौंदर्य का शत्रु
लड़कियों के सौंदर्य का शत्रु निश्चय ही मोटापा है | जवान लड़की यदि मोटी
हो तो उसके विवाह में दिक्कत हो सकती है ,
क्योंकि एक मोटा युवक भी मोटी लड़की से विवाह नहीं करना चाहता |
यदि विवाहिता युवती हो तो उसके माँ बनने में व्यवधान पड़ता है |
इसके साथ ही मोटापा बढ़ती उम्र का एक खास रोग माना जाता है
यदि आप अनुभव करती हैं कि आपके शरीर की चर्बी बढ़ रही है
तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए |
संभव है पतली – दुबली होने के कारण प्रारम्भ में चर्बी बढ़ती आपको अच्छी लगे लेकिन आगे चलकर वह आपको काफी कष्टदायक सिद्ध होगी |
प्रारम्भ में आप साधारण मनोरथ पूर्ण करने में सफल नहीं होंगे | ध्यान रखिए , आपके शरीर की सुडौलता आपका सबसे बड़ा आकर्षक है |
उभरा हुआ और उन्नत वक्ष , सपाट पेट , पतली कमर , सुराही दार गर्दन ,
सुंदर चेहरा और सुडौल हाथ – पाँव किसी भी युवती या महिला के सौंदर्य
में चार चाँद लगा देते हैं | किन्तु मोटापे के कारण यही शरीर जब थुलथुल और बेडौल – सा दिखाई पड़ता है
तो सुंदर नयन – नक्श तथा गोरा रंग भी अपना वास्तविक सौंदर्य और आभा खो बैठता है |
मोटापा निम्न कारणों से बढ़ता है
1॰ भोजन को जल्दबाज़ी में चबाए बिना निगल जाना |
२. अधिक मात्रा में चिकनाई वाले पदार्थों का सेवन करना |
3.अधिक गर्म आहार लेना |
4. सदा गर्म पानी से नहाना |
5. मीठे आहार – द्रव्यों का सेवन अधिकता के साथ करते रहना |
6. सदैव कुछ न कुछ खाते – पीते रहना |
7. नियमापूर्वक दिन में बहुत अधिक सोना |
8. शारीरिक श्रम बिलकुन न करना , बल्कि आराम ज्यादा करना |
9. शरीर में स्थित ‘पिच्यूटरी ‘ एवं ‘ चुल्लिका – ग्रंथि ‘ का अत्यधिक विकसित होना |
10. प्रसव के पश्चात वायु बढ़ाने वाले आहार का अधिक मात्रा में लेते रहना |
11. वंशानुगत
यदि उपर्युक्त किसी कारण से मोटापा आ गया है तो समय रहते उसकी रोकथाम करने का प्रयास
करना चाहिए | नारी जाति के लिए यह बहुत ही आवश्यक है |
आप विवाहित हों या अविवाहित यदि आपके शरीर में आवश्यकता से अधिक चर्बी बढ़ गई है
तो उसकी रोकथाम के लिए आप सबसे पहला काम यह करें कि अपने खाने – पीने पर
नियंत्रण रखें | अर्थात सिर्फ उतना ही खाएं , जितने की आपके शरीर को जरूरत हो |
फालतू और बार – बार खाने की आदत को छोड़ें |
मोटापे के कारण यदि शरीर में आलस अधिक आ गया हो तो उसे दूर करने का
प्रयास अवश्य करें | दोनों समय खाने का अपना समय नियम करें | दोनों समय
के खाने में छह – सात घंटे का अंतर अवश्य रखें | इसका सबसे सरल उपाय यही
है कि आप ऐसा आहार लें जिससे आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए
समस्त आवश्यक पौष्टिक तत्व मिल सकें और साथ ही आप अपना मोटापा घटाकर अपनी
आकृति पतली तथा सुंदर बना सकें और
निम्न बातों की तरफ विशेष ध्यान दें
1. सुबह और शाम दोनों समय एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पीयेँ |
2. चर्बी वाले पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें |
3. आहार की मात्रा कम कर दें |
4. सप्ताह में कम – से कम एक बार उपवास अवश्य करें |
5. नमक और पानी की मात्रा कम कर दें |
6. भोजन में जौ , मक्का , आदि रूखे पदार्थों का सेवन करें |
7. नियमित रूप से मालिश कराएं |
8. शारीरिक श्रम करें |
9. प्रातः सांय टहलने जायें |
10. तुला आसन आदि का व्यायाम करें |
भाग्य
उसने सारा दिन काम किया
और सारी रात काम किया
उसने खेलना छोड़ा
और मौज – मस्ती छोड़ी
उसने ज्ञान के ग्रंथ पढे
और नई बातें सीखी
वह आगे बढ़ता गया
पाने के लिए सफलता जरा सी
दिल में विश्वास और हिम्मत लिए
वह आगे बढ़ा
और जब वह सफल हुआ
लोगों ने उसे भाग्यशाली कहा |
मेरा संदेश
दोस्तों नमस्कार मेरे वैबसाइट का प्रमुख उद्देश्य यह है कि कि मै सभी लोगों को जीवन जिने की कला सीखा सकूँ
और लोगों को मनोरंजन , स्वास्थ्य से संबंधी जानकारियाँ , रोगों का देशी घरेलू इलाज , तथा पहेलियाँ , चुट्कुले
शायरी , और सकारात्मक सोंच कैसे अपनाएं | और मेरे लेखों में शिव खेड़ा दोवारा लिखी गयी ‘जीत आपकी ‘
की पुस्तक से ली गयी अच्छे से अच्छे विचार लिखा गया है |