आशावादी बनिए
कोई आदमी आशावादी कैसे बन सकता है ?
नीचे लिखी लाइनों में यह बात, बहुत अच्छी तरह बताई गाई है |
इतने मजबूत बनिए कि, आपके मन की शांति को कोई भंग न कर सके |
हर मिलने वाले आदमी से सेहत ,खुशी और समृद्धि के बारे में बात करें |
अपने सभी दोस्तों को अहसास कराएँ कि ,हम उनकी खूबियों और मजबूतीयों की कदर करते हैं|
और हर चीज के केवल उजले पहलू को देखें |
केवल अच्छी से अच्छी बातें सोंचें,
केवल अच्छे से अच्छे नतीजों के लिए, काम करें और केवल अच्छे से अच्छे नतीजों की उम्मीद करें |
बीते दिनों की गलतियों को भूल जाएँ ,
और आने वाले दिनों में ज्यादा बड़ी कामयाबिया हांसील करने के लिए आगे बढ़ें |
हर आदमी का मुस्करा कर स्वागत करें |
अपने को बेहतर बनाने में इतना वक्त लगाएँ कि दूसरों की आलोचना, करने के लिए हमारे पास वक्त ही न बचे |
इतने बड़े बनें की चिन्ता छू न सके और इतने अच्छे बने की गुस्सा आए ही नहीं |
दूसरा कदम – हर काम फौरन करने की आदत डालें –
वह चाँदनी रातों में सोया |
उसने सुनहरी धूप का मजा उठाया ||
कुछ करने की तैयारी में जिंदगी गुजारकर|
वह गुजर गया कुछ न कर – हारकर ||
– जेम्स अलबरी
हम सभी जिंदगी में कभी न कभी टालमटोल करते हैं | मैंने भी ऐसा किया है , जिसके लिए मुझे बाद में पछताना पड़ा |
टालमटोल की आदत की वजह से, हमारा नजरिया नकारात्मक बन जाता है |
किसी काम को करने से अधिक थकान उस काम को, न करने के लिए की जाने वाली टालमटोल की वजह से होती है |
कोई भी काम पूरा होने पर खुशहाली लाता है और हौसला बुलंद होता है , जबकि आधा – अधूरा काम हमारी हिम्मत को वैसे ही खत्म कर देता है , जैसे पानी के टैंक में कोई छेद टैंक को खाली कर देता है |
अगर हम सकारात्मक नजरिया बनाना और कायम रखना चाहते हैं , तो आज में जीने और हर काम को तुरंत करने की आदत डालें |
वर्तमान में जीएं –
जिंदगी कोई ड्रेस रिहर्सल नहीं है | हम किसी भी दर्शन में विश्वास करते हों |पर हमें जिंदगी का खेल खेलने का मौका केवल एक ही बार मिलता है |
दाँव पर इतनी कीमती चीजें लगी होती हैं, कि आप जिंदगी यूं ही बरबाद नहीं कर सकते | दाँव पर आने वाली पीढ़ियों का भविष्य लगा होता है |
हम कहाँ हैं और किस दौर में हैं ? जवाब है कि इसी दौर में हैं , और यहीं हैं | इसलिए हम आजको बेहतर बनाएँ और इसका भरपूर आनंद लें |
इसका यह मतलब नहीं है कि हमें भविष्य के लिए कोई योजना नहीं बनानी चाहिए , बल्कि पैगाम यह है कि हमें आगे कि योजना बनाने की ही जरूरत है ,
और अगर हम अपने ‘आज ‘ का भरपूर इस्तेमाल खुशहाली के लिए कर रहे हैं , तो हम खुद – ब – खुद आने वाले बेहतर कल के लिए बीज बो रहे हैं | क्या हम मानते हैं ?
अगर हम अपने नजरिए को सकारात्मक बनाना चाहते हैं , तो टालमटोल की आदत छोड़ें , ‘और तुरंत काम करो ‘ पर अमल करना सीखें |
जिंदगी में सबसे दुख भरे शब्द हैं –
* ऐसा हो सकता था |
* मुझे ऐसा करना चाहिए था |
* मै यह कर सकता था |
* काश मैंने ऐसा किया होता |
* अगर मै थोड़ी और कोशिश करता , तो यह काम हो सकता था | “
जो काम आप आज कर सकते हैं , उसे कभी भी कल पर न टालें |
– बेंजामिन फ्रैंकलिन
बहानेबाजी
मुझे यकीन है, कि जीत हासिल करने वालों के मन में भी,
टालमटोल करने की इच्छा जरूर पैदा हुई होगी , पर उन्होने उसे अपने ऊपर कभी हवी नहीं होने दिया |
लोग जब कहते हैं , ” मैं यह काम किसी और दिन करूंगा , तो इस बात को तय मान लीजिये कि वे काम को कभी नहीं करेंगे |
कुछ लोग इस बात का इंतजार करते रहते हैं,
कि उनके घर से निकलने से पहले सारी लाल बत्तियाँ हरा सिग्नल देने लगें , पर ऐसा कभी नहीं होता |
वे शुरुआत करने से पहले ही नाकामयाब हो जाते हैं | यह दुखद स्थति है |
टालमटोल करना बन्द करें | क्या हमें बहानेबाजी करने की आदत को इसी समय ‘ अलविदा ‘ नहीं कर देना चाहिए
आशावादी बनिए Be an Optimist