
डी .एस पी ।(डब्बू श्यामू और पप्पू )की माँ , सदा खबरदार रहो ,
तुम्हें घर से मैके ,फरार हुए पूरे तीन हफ्ते हो चुके है ,मैंने तुम्हें सिर्फ दो हफ्ते की मोहलत दी थी
मगर मियाद पूरी होने के बावजूद तुम वापस नहीं लौटी इसलिए मै तुम्हें इस खत के रूप मे
वारंट भेज रहा हूँ मै तुम्हें आखिरी वार्नीग देता हूँ अगर खत मिलने के बाद दो दिन के अंदर डी
एस ।पी सहित तुमने अपने आपको मेरे हवाले नहीं किया तो मै ससुराल मे छापा मरने पहुँच जाऊगा |
तुम नहीं जानती डी ।एस ।पी की माँ की तुमरे बिना यह घर सुना हवालात सा लगता है ,
तुम्हारी शक्की नजारो की कसम बगैर तुम्हारे न मेरा दिल (रम) पीने को करता है न (रिश्वर )
खाने को तुम्हारे गत मे मै गुड्डो को पीटता रहता हु दिन भर तुम्हारी याद मे खोया राता हूँ
रात को ड्यूटी पर सोया रहता हूँ ,इसलिए आजकल मेरे इलाके मे चोरिया ,डकैतियां ,लुटमारियाँ बढ़ गई है चोर -उचक्कों की मौज आ गईं है ,वो हरामखोर साले (तुम्हारे भाई नहीं )मुझ से पूछे
बिना बेचारी जनता को लूट रहे है यह मै हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता ,इसलिए अब तुम्हारी खैरियत इस मे है कि तुम फौरन अपने मैके का इलाज छोड़ दो वरना
श्री चन्दना बुक डिपो
तुम्हारा रौबदार पति
गर्जन सिंह (धमकीपुर)