
बेसक न हो हाथ मे हाथ
पर जीता है वह आप के साथ
(परछाई)
साँपो से भरी एक पिटारी ,
सबके मुंह मे एक चिंगारी ,
जोड़ो हांथ तो निकले घर से ,
फिर घर पर सिर पटके |
(माचिस )
काला घोडा सफेद की सवारी ,
एक उठे तो दुसर की बारी |
(तवा -रोटी )
कद के छोटे कर्म के हिन ,
बिन बजाने के सौकिन
(मच्छर )
दो सुंदर लड़के दोनों एक रंग के |
एक बिछड़ जाए तो दूसरा कम न आए |
(जूता )

न भाड़ा न किराया दूँगी ,
तुम न बुलाओ मै आ जाऊँगी ,
घर के हर कमरे मे रहूँगी ,
पकड़ न मुझको तुम पाओगे ,
मेरे बिन तुम न रह पाओगे |
(हवा )
गर्मी मे तुम मुझको खाते ,
मुझको पीना हरदम चाहते
मुझसे प्यार बहुत करते हो ,
(पानी )
मुझमे भार सदा ही रहता ,
जगह घेरना मुझको आता ,
हर वस्तु से गहरा रिश्ता ,
हर जगह मै पाया जाता |
(गैस )
सीधी होकर नीर पिलाती
उल्टी होकर दिन कहलाती |
नदी
लोहा खिचू ऐसी ताकत है ,
पर रबड़ मुझे हराता है ,
खोई सुई मैपा लेता हु,
मेरा खेल निराला है |
(चुंबक )
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ऐसी कौन सी चीज है
जिसे जितना खिचो उतनी
ही छोटी होती जाती है |
(बीड़ी /सिगरेट )
चार है रानिया और एक है राजा
हर कम मे उनका अपना सांझा
(अगूठा और उगलिया )
हाथी घोडा ऊंट नहीं ,खाये न दाना घास |
सदा ही धरती पर चले ,होए कभी न उदास
(साइकिल )
पढ़ने मे ,लिखने मे ,
दोनों मे ही मै आता हु काम |
पैन नहीं हु ,कागज नहीं हु ,
सोचो मेरा क्या है नाम?
(चश्मा )
चाँद सा मुखड़ा तन सा जख्मी ,
बिन पैरो वह चलता है |
राज दुलारा सबका प्यारा ,
मेहनत से वह मिलता है ||
पैसा
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चमन बाहर चिलमन ,
बीच कलेजा धड़के |
नाकू सिन्हा यो कहे ,
दो दो अंगुल सरके ||
(कैंची )
पहेलियाँ
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बिन धोये सब खाते है ,
खाकर सब पछताते हैं |
बोलो ऐसी चीज क्या है ,
कहते समय सरमाते हैं ||
(धोखा )
सिर उठा के तोंद घूमा के ,
करते रहते हो तुम बात |
जल्दी से मेरा नाम बताओ ,
वरना करने न दूंगा मुलाक़ात |
(टेलीफ़ोन )
तीन रंग की लहर ,
नील गगन मे भरे उड़ान |
यह है सबकी आखो का तारा ,
हम सब करते इसका सम्मान |
(तिरंगा झण्डा )
हाथ पैर मे जंजीर पड़ी ,
फिर भी दौड़ लगाता |
टेढ़े -मेढ़े रास्तो से ,
गाँव -गाँव घुमाता ||
(साइकिल )
खड़ा द्वार पर ऐसा घोड़ा |
जिसने चाहा पेट मरोड़ा ||
(ताला )

छोटा -सा काला घर |
पर चलता है इधर -उधर ||
(छाता )
लाल है वो लकड़ी खाये |
पानी पिये मर जाए ||
(आग )
ये धनुष है सबको भाता |
मगर लड़ने के काम न आता ||
(इन्द्र धनुष )
जरा -सी बिटिया |
गज भर की चुटिया ||
(सुई -धागा )
12 घोड़े ,30 गाड़ी |
365 करे सवारी ||
(साल ,महीने , दिन )
एक दुकानदार ऐसा ,
जो दामभी लेता ,माल भी लेता |
(नाई )
खाते हैं इसको सब ,
लेकिन स्वाद न कोई बता सका |
लोग खिलाते भी हैं लेकिन ,
इसे न कोई चख सका |
(कसम )
अजब सुनी इक बात |
नीचे फल और ऊपर पात ||
(अन्नास)
ब्रहमा का पिता चंदा का साला |
कीचड़ मे खिला उसको पाला ||
(कमल)
फुर्र से उड़ती न मै चिड़िया ,
सर्रसी बजती न मै गुड़िया |
मुँह से लगती बजती बढ़िया ,
मै पंजबान -कन्नड उड़िया |
(सिटी )